संस्कृति, वैज्ञानिक अनुसंधान एवं ललित कला सम्बन्धी विविध गतिविधियों के संवर्धन एवं सम्पयक् समन्वय हेतु सन् 1957 में ‘इन्डोलाॅजी, संस्कृति एवं साइन्टिफिक रिसर्च’ नामक विभाग की स्थापना की गयी। इस नवसृजित विभाग के कार्यक्षेत्र में संग्रहालय, पुरातत्व, भूविज्ञान एवं खनन, राजकीय वेधशाला, नैनीताल, ‘गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स एंड क्राफ्ट '’, वैज्ञानिक अनुसंधान कमेटी एवं अन्य संस्थाये जैसे रजा लाइब्रेरी, रामपुर; जी.एन. झाा शोध संस्थान, इलाहाबाद (वर्तमान प्रयागराज); नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी; यू.पी. हिस्टाॅरिकल सोसायटी; भातखण्डे काॅलेज ऑफ हिन्दुस्तानी म्यूजिक आदि सम्मिलितत थे। सन् 1959 में इसे सांस्कृतिक कार्य एवं वैज्ञानिक अनुसंधानकी संज्ञा दी गई। सन् 1961 में भूविज्ञान एवं खनन सम्बन्धी कार्य उद्योग विभाग को स्थानान्तरित किया गया। कालान्तर में नैनीताल स्थित वेधशाला को इससे पृथक कर सन् 1975 में विभाग का नाम सांस्कृतिक कार्य विभाग रखा गया जिसे बाद में संस्कृति विभाग की संज्ञा दी गई।
क्रम संख्या | कलाकार/ दल | विधा का नाम | फोटो |
---|---|---|---|
51 | Shree Ram Katha vachak | कथा वाचक | |
52 | Dr. Snehlata Sharma | Singing | |
53 | RISHAB GUPTA | Singing | |
54 | Shreya Sharma | Singing | |
55 | Deshdeep Sharma | Singing | |
56 | Devmati | Singing | |
57 | Abhishek Sharma | वादन | |
58 | KHUSHBOO RAJ SINGH | Singing | |
59 | वीरेंद्र सिंह चौहान | गायन | |
60 | राम शंकर कसौधन | गायन |